दैनिक सत्संग

राधा मेरी स्वामिनी

राधा मेरी स्वामिनी

राधा मेरी स्वामिनी, मैं राधे जू को दास। जनम जनम मोहि दीजियो, श्री वृन्दावन वास॥....

जय हो ब्रजराज की

जय हो ब्रजराज की बांसुरी की, ब्रजमोहन की बनवारी की जय जय। ललिता रंगदेवी विशाखा की जय, सुकुमारी श्री राधिका प्यारी की जय जय॥ नटनागर नित्य बिहारी की जय, सुख सागर रास बिहारी की जय जय। जग भूषण कृष्ण मुरारी की जय, ब्रजभूषण बाँके बिहारी की जय जय॥....

Aaj brij mein holi re rasiya

आज बिरज में होरी रे रसिया। घर घर ते ब्रज बनिता आयीं. कोऊ साँमल कोई गोरी रे रसिया॥ कोई लावै चोवा कोई लावै चन्दन, कोई मलै मुख रोरी रे रसिया॥ उड़त गुलाल लाल भये बादर, मारत भर भर झोरी रे रसिया॥ बाजत ताल मृदंग झांझ ढफ़, और नगाड़े की जोरी रे रसिया॥ चन्द्र सखी भज ....