होली

होली भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। होली प्रेम, उमंग, उल्लास एवं रंगों का त्यौहार है। ये एकता का प्रतीक है। ब्रज में होली की एक अनूठी परम्परा है। यहाँ की होली सभी जगह से अलग है- इसीलिये कहा जाता है “जगत होरी ब्रज होरा”। वृन्दावन के श्री बाँकेबिहारी जी मन्दिर की होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। वैसे तो ब्रज में होली बसंत पंचमी से ही प्रारम्भ हो जाती है, लेकिन रंगीली होली आँवला एकादशी(रंगभरी एकादशी) से प्रारम्भ होती है। बिहारीजी को सफ़ेद रंग की पोशाक पहिनायी जाती है। होली में बिहारी जी बाहर आकर भक्तों के साथ होली खेलने हेतु जगमोहन में विराजते हैं। यहाँ होली टेशु के फ़ूल एवं केसर के रंग और गुलाल के साथ खेली जाती है। बिहारी जी का प्रसादी केसरिया रंग भक्तों पर बरसाया जाता है। इस अवसर पर बिहारी जी के गोस्वामी होली के भजन, रसिया आदि गाते हैं। इस दिन बिहारी जी को चाट, समौसा एवं जलेबी का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

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